जेजी और जादुई टाइमर | बच्चों में बैठने की सहनशीलता बढ़ाने का मजेदार तरीका
जेजी और जादुई टाइमर | बच्चों में बैठने की सहनशीलता बढ़ाने का मजेदार तरीका
जे़जी एक छोटा लड़का था जिसे दौड़ना, कूदना और खेलना बहुत पसंद था। लेकिन जब भी उसकी माँ उसे बैठकर कोई काम पूरा करने को कहतीं, वह बेचैन हो जाता और बीच में ही उठकर चला जाता।
एक दिन, उसकी माँ एक छोटा सा रेत घड़ी (सैंड टाइमर) लेकर आईं। उसमें सुनहरी रेत थी, जो धीरे-धीरे नीचे गिरती थी जब उसे पलटा जाता।
“यह एक जादुई टाइमर है,” माँ मुस्कुराते हुए बोलीं। “आज से हम एक मज़ेदार खेल खेलेंगे! जब तक रेत नीचे नहीं गिर जाती, हम कोई मज़ेदार काम करेंगे, फिर तुम ब्रेक ले सकते हो।”
जे़जी की आँखें उत्सुकता से चमक उठीं। “कौन सा खेल?” उसने पूछा।
माँ ने उसके सामने धागा और रंग-बिरंगे मोती रख दिए। “आओ, जब तक टाइमर चले, हम धागे में मोती पिरोते हैं!” उन्होंने कहा। फिर उन्होंने टाइमर चालू कर दिया, और रेत नीचे गिरने लगी।
जे़जी ने जल्दी से एक नीला मोती उठाया और धागे में डाला। फिर एक लाल मोती, फिर एक पीला। “बस थोड़ी देर और! तुम बहुत अच्छा कर रहे हो!” माँ ने उसे प्रोत्साहित किया।
जैसे ही आखिरी रेत का दाना गिरा, माँ ने ताली बजाई