"रबर बैंड और इमोशन्स का अनोखा रिश्ता! | ज़रूर देखें | Jazy Taara

"रबर बैंड और इमोशन्स का अनोखा रिश्ता! | ज़रूर देखें | Jazy Taara एक दिन, सुप्रिया मैडम ने कक्षा में सभी बच्चों को रबर बैंड दिए और कहा, "इसे खींचो और देखो कि यह बदलता है या नहीं।" बच्चों ने खींचकर देखा और कहा, "हाँ, यह लंबा हो गया!" फिर मैडम ने कहा, "अब इसे छोड़ दो। क्या यह अपने पुराने रूप में वापस आ गया?" बच्चों ने उत्साह से जवाब दिया, "हाँ!" फिर मैडम ने पूछा, "क्या रबर बैंड के अंदर की सामग्री बदली?" बच्चे सोचने लगे और बोले, "नहीं, यह अभी भी वही रबर बैंड है!" भावनाएँ भी रबर बैंड जैसी होती हैं सुप्रिया मैडम मुस्कुराईं और बोलीं, "बिल्कुल सही! हमारी भावनाएँ भी ऐसी ही होती हैं। कभी-कभी हम गुस्सा होते हैं, उदास होते हैं या खुश होते हैं, लेकिन हमारे अंदर की असली भावनाएँ बनी रहती हैं।" जाज़ी को यह बहुत दिलचस्प लगा। उसने सोचा, "क्या तारा हमेशा खुश होती है, जैसा वह दिखती है?" उस दिन खेल के दौरान, जाज़ी ने देखा कि तारा बहुत ज्यादा हँस रही थी, लेकिन उसकी आँखों में हल्की उदासी थी। जाज़ी ने धीरे से पूछा, "क्या तुम सच में खुश हो, तारा?" तारा थोड़ी चुप हो गई और फिर धीरे से बो

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