जेजी की अनोखी पहचान? | Hindi Moral Stories for Kids
जैज़ी की अनोखी पहचान
एक दिन, जैज़ी नाम का एक होशियार और जिज्ञासु बच्चा सुप्रिया मैम के क्लिनिक में आया। वह थोड़ा उदास और परेशान दिख रहा था। सुप्रिया मैम, जो एक समझदार और दयालु मनोवैज्ञानिक थीं, मुस्कुराते हुए बोलीं,
"आज जैज़ी का चेहरा इतना उतरा हुआ क्यों है?"
जैज़ी ने धीरे-धीरे कहा, "मैम, मैं अपने भाई-बहनों से अलग हूँ। वे सभी तेज़ दौड़ सकते हैं, ऊँची आवाज़ में बोल सकते हैं, और जल्दी-जल्दी सवालों के जवाब दे सकते हैं। लेकिन मैं… मैं थोड़ा धीमा हूँ, मैं अलग महसूस करता हूँ।"
सुप्रिया मैम मुस्कुराईं और एक टेबल पर सेब और संतरा रख दिए।
"जैज़ी, क्या तुम बता सकते हो कि इनमें से कौन सा फल बेहतर है?"
जैज़ी ने सेब को देखा, फिर संतरे को। उसने सोचा और कहा, "सेब मीठा होता है, मगर संतरा रसदार और खट्टा-मीठा होता है। दोनों अलग हैं, मगर दोनों अच्छे हैं!"
सुप्रिया मैम ने सिर हिलाया, "बिल्कुल सही! सेब और संतरा अलग हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोई एक बेहतर है। बस वे अपने-अपने तरीके से खास हैं।"
फिर उन्होंने दो खिलौने— एक कार और एक गुड़िया—टेबल पर रख दिए।
"अब बताओ, इनमें से कौन सा ख